श्री बाबे लालू जसराय देवाय नमः # माघ मास में मंदिर प्रातः6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक, सायं: 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुलेगा !!!
श्री बाबे लालू जसराय देवाय नमः # माघ मास में मंदिर प्रातः6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक, सायं: 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुलेगा !!!
श्री बाबे लालू जसराय देवाय नमः # माघ मास में मंदिर प्रातः6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक, सायं: 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुलेगा !!!
मंदिर - परिचय - Official Website Of SHRI BABE LALU MANDIR, Chippiwara Kalan, Delhi, India
सानन्द मूर्ति प्रबलात्मशिवत वर वरेण्य शरण शरेन्ये |
प्रत्यक्षलीला महिमातवरिय प्रचंडतेज कलिकालमध्ये ||
पान्चालदेशे सजलेती क्षेत्रे दीपाल नाम जिजन्म्ग्रामम |
बलस्वरुप प्रवदन्ति संता नमामि बाबे जसराय सूनुम ||
19/04/2024
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माघ मास (2024)
शनिवार : चोटी (2024)
जनवरी 20,27 फरवरी 3,10
रविवार : कड़ाई (2024)
जनवरी 21,28 फरवरी 4,11
सोमवार : मुंडन (2024)
जनवरी 22,29 फरवरी 5,12
मंगलवार : जनेऊ (2024)
जनवरी 23,30 फरवरी 6,13
कोविद:19 के दिशा निर्देश का पालन किया जायेगा। मास्क लगाना, हाथो को सेनिटाइज़ करना, उचित दूरी बनाकर रखन।
१. मंदिर श्री माता हिंगलाज जी (पाकिस्तान)
कराची से लगभग साठ मील की दूरी पर समुन्द्र के किनारे जगत जननी श्री माता
हिंगलाज जी का मंदिर है | यहाँ प्राचीन काल से अखण्ड ज्योति के दर्शन होते है| दक्ष प्रजापति के यज्ञ में सती ने अपने प्राणों की आहुति दे दी| शिव जी सती के अधजले शव को कंधे पर उठा कर चल पड़े| शव के टुकड़े जहाँ जहाँ गिरे वे शक्ति पीठ कहलाये| ऐसे इकावन शक्ति पीठो का वर्णन हमारे शास्त्रों में है| जहाँ पर सती जी के शरीर का मुख्य अंग कपाल गिरा, वह हिंगलाज शक्ति पीठ के नाम से प्रसिद्ध हुआ| इस शक्ति पीठ को अति पावन एवं महत्वपूर्ण मन जाता है| मंदिर तक पहुचने का मार्ग अति कठिन है लेकिन फिर भी श्रद्धालु विश्वास एवं साहस पूर्वक यहाँ पहुचने का प्रयत्न करते है|
२. मंदिर श्री भगवती चण्डिका देवी जी दीपालपुर (पाकिस्तान)
इस मंदिर का निर्माण तांत्रिको के कहने पर राजा श्री चन्द्र ने करवाया था|
३. मंदिर श्री बाबा जसराय जी दिपलापुर (पाकिस्तान)
मंदिर श्री बाबा लालू जसराय जी का निर्माण भी राजा श्री चन्द्र जी ने करवाया| यह वही पावन स्थान है जहाँ पर माता हिंगलाज के बीर (लालू एवं अगाकड़) प्रथ्वी में समाये थे|
४. मंदिर श्री बाबा लालू जसराय जी (छिपिवाडा कलां, जामा मस्जिद, दिल्ली-११०००६)
पाकिस्तान बन्ने के लगभग दो सौ वर्ष पूर्व बाबा जी के सेवक श्री मोती लाल जी खन्ना, बाबा जी के प्रातः स्मरणीय दयावान श्री पंडित चनरा मुनि जी झिन्गद के वन्श्जी (बाबे वालो) से दीपालपुर मंदिर की एक इंट मांग कर लाये थे जिसकी स्थापना इस मंदिर में विधि पूर्व की गई और उस दिन से अब तक यह मंदिर श्री बाबा लालू जसराय के नाम से प्रसिद्ध है| उसी समय से यहाँ माघ के महीने में मेला लगता आ रहा है|
५. भावीवश १९४७ में देश का बंटवारा हो जाने से मंदिर श्री बाबा लालू जसराय (दिपालपुर) पाकिस्तान में रह गया| सब को पाकिस्तान छोड़ना पड़ा| पंडित चन्द्र मुनि जी महाराज के वंशज परम स्नेही पंडित गौरी शंकर जी झिगड़ परिवार सहित दिल्ली पहुचे और कई सम्बंधित परिवार भिन्न-भिन्न स्थानों पर कैम्पों में ठहरे| पंडित गौरी शंकर जी को भी दिल्ली, फतेहपुरी में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में टहरना पड़ा| छिपिवाडा में उनको बाबा जी के मंदिर की जानकारी थी| वे बाबा जी के मंदिर पधारे| वे क्षत्रिय वर्ग के खन्ना, सेठ, मेहरा एवं कपूर सेवको से मिले| सेवको में वयोवृद्ध ला. ज्योति प्रसाद खन्ना !